गूगल
को हम एक बेहतरीन सर्च इंजन
के रूप में जानते हैं। एक सेकंड
से भी कम वक्त में गूगल अपने
होम पेज पर यूजर्स के हिसाब
से लाखों रिजल्ट डिस्प्ले
करता है। क्या कभी आपने सोचने
की कोशिश की है कि ये गूगल सर्च
काम कैसे करती है। गूगल ने
अपने सपोर्ट पेज पर गूगल सर्च
एल्गोरिथम के बारे में समझाया
है। हालांकि,
मैथेमेटिकल
फॉर्म्यूला के बारे में जानकारी
नहीं है,
लेकिन
इसकी प्रक्रिया के बारे में
बताया गया है।
गूगल
सर्च तीन चरणों में काम करती
है-
1. क्रॉलिंग
(सर्च
करना)
2.
इंडेक्सिंग
(लिस्ट
बनाना)
3. शोइंग
रिजल्ट (रिजल्ट
दिखाना)
गूगल
ने अपने सर्च एल्गोरिदम को
Googlebot
नाम
दिया है। इसे गूगल रोबोट,
बोट
या स्पाइडर भी कहा गया है।
क्रॉलिंग का मतलब होता है
रेंगना। दरअसल ये एक ऐसा प्रोसेस
है जिसमें गूगल इंटरनेट पर
मौजूद सभी सर्वर्स और वेबसाइट्स
को बारी-बारी
से चेक करता है।
गूगल
क्रॉलिंग प्रोसेस-
* गूगल
सर्च किए हुए शब्द से जुड़े
सभी URL
सर्च
करता है।
* इसके
बाद सर्च किए हुए शब्द या इमेज
से जुड़े हाइपरलिंक सर्च किए
जाते हैं।
* गूगलबोट
इंटरनेट पर मौजूद हर वेबसाइट
को खंगालता है।
* गूगल
के सर्वर इतने तेज हैं कि
गूगलबोट एल्गोरिथम को ये काम
करने के लिए सिर्फ कुछ मिलिसेकंड्स
का समय लगता है।
* इस
प्रोसेसर में कई डेड लिंक्स
(जिन
वेबसाइट्स पर कोई कंटेंट नहीं
है)
भी
मिलते हैं जिन्हें गूगल लिस्ट
कर अपने इंडेक्स से हटा देता
है।
![]() |
GOOGLE WORKING CHART |
गूगलबोट
एल्गोरिथम में क्रॉलिंग के
बाद नंबर आता है इंडेक्सिंग
का। इसमें सभी संबंधित रिजल्ट्स
को एक के बाद एक लिस्ट किया
जाता है। इस लिस्ट में सर्च
रिजल्ट्स वेबसाइट के टाइटल,
उसकी
व्यूअरशिप और अपडेट टाइम के
हिसाब से सेट किए जाते हैं।
इंडेक्सिंग
गूगल सर्च का एक बहुत अहम
प्रोसेस है। गूगलबोट बहुत
ज्यादा मीडिया फाइल्स या
डायनैमिक वेबपेजेस को पहले
नंबर पर लिस्ट नहीं करता है।
गूगल
सर्च प्रोसेस का आखिरी स्टेप
होता है रिजल्ट डिस्प्ले करना।
पेज की रैंक गूगल की रेलेवेंसी
के हिसाब से सेट की जाती है।
पेज
की रैंक सेट करने के लिए-
* पेज
की रैंक गूगल उसके अंदर मौजूद
टेक्स्ट,
कंटेंट
और लिंक्स के हिसाब से सेट
करता है।
* इसी
के साथ,
गूगल
पेज रैंक सेट करने के लिए
व्यूअर्स की लिस्ट को भी देखता
है।
* गूगलबोट
इस बात का ध्यान रखता है कि
स्पैम और डेड लिंक्स सर्च
रिजल्ट में ना दिखें।
गूगल
का ये पूरा सर्च प्रोसेस एक
सेकंड से भी कम वक्त में पूरा
हो जाता है। अपने सर्वर्स और
मैथेमैटिकल एल्गोरिथम के
बलबूते गूगल आज सबसे बेहतर
सर्च इंजन है।
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